Why LIC’s Term Insurance is Costly?

By | July 8, 2025

Why LIC’s Term Insurance is Costly? – Full Information


LIC का टर्म इंश्योरेंश महंगा क्यों है! जानें पूरी सच्चाई -: Why LIC’s Term Insurance is Costly? जब भी हम टर्म इंश्योरेंस प्लान लेने के बारे में सोचते हैं तो हम सबसे पहले LIC के टर्म प्लान को देखते हैं और एलआईसी और प्राइवेट कंपनियों के टर्म प्लानों को कंपेयर करते हैं तो एलआईसी का Term Insurance सबसे ज्यादाcostly होता है आज हम इस पोस्ट के माध्यम से जानने की कोशिश करेंगे कि एलआईसी का टर्म इंश्योरेंस महंगा क्यों है (Why LIC’s Term Insurance is Costly?)

बहुत से लोग LIC का term Insurance plan costly होने के कारण प्राइवेट कंपनियों के प्लान को ले लेते हैं और गलती कर बैठते हैं जिसके कारण भविष्य में उन्हें कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है सही term insurance plan का चुनाव कैसे करें और किस company का लें इसी की चर्चा हम आज इस पोस्ट में करने जा रहे हैं जिससे हमारा निर्णय कभी गलत न हों। इस पोस्ट को आप अंत तक पढ़ते रहिये तभी आप term insurance की बारीकियों को समझ पाएंगे।

Problem of Private Life Insurance Company – निजी टर्म इंश्योरेंश कंपनियों की समस्या


कम्पनी कितनी भी बड़ी क्यों ना हो वो क्लेम आपको तभी दे पायेगी जब उसके पास प्रीमियम के रूप में ज्यादा पैसा जमा होगा। चाहे प्राइवेट बीमा कंपनी हो या सरकारी बीमा कंपनी LIC of India, जब तक किसी बीमा कंपनी के पास इंश्योरेंस प्रीमियम का ज्यादा पैसा जमा नहीं होगा तब तक वह आपको क्लेम नहीं दे सकती है इसको उदाहरण से आपको समझाने की कोशिश करते हैं।

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How to understand term insurance with Example – उदाहरण


हम 35 साल के व्यक्ति की बात करेंगे जो 1 करोड़ का टर्म इंश्योरेंश खरीदता है। 40 साल के टर्म के लिए LIC of India में उसका प्रीमियम करीब – करीब एक साल में 40 हजार रुपये वार्षिक आयेगा। और मान लीजिये कोई दूसरी कम्पनी है, जिसका नाम XYZ है। वहां पर उसका प्रीमियम 20000 हजार रुपये वार्षिक आयेगा।

अब एक सर्वे के अनुसार 1 हजार लोग जब बीमा खरीदते हैं तो उसमें से 1 साल में करीबन 3 लोगों की मृत्यु होती जाती है। मतलब 1 हजार लोगों ने 1 – 1 करोड़ की पालिसी ली है तो LIC के पास 1 साल में 1 हजार पालिसी होल्डर से 4 करोड़ रुपये इकठ्ठा हो जायेगा। वहीँ कम्पनी XYZ के पास करीब 2 करोड़ रुपये इकठ्ठा हो जायेगें। पालिसी आपकी 1 करोड़ की थी। मतलब कुल 3 लोगों को बीमा कम्पनी को 3 करोड़ रुपये देना होगा। LIC को और कम्पनी XYZ को दोनों को ही 3 – 3 करोड़ रुपये एक साल में अवश्य देना होगा।

अब दोनों बीमा कम्पनियों की तुलना करते हैं LIC के पास प्रीमियम के रूप में 4 करोड़ रुपये 1 हजार लोगों को 1 करोड़ का टर्म इंश्योरेंश बेच के अपने पास इकठ्ठा कर लिया था, 4 करोड़ रुपये जो LIC को प्रीमियम का पैसा मिला था उसमें से बड़ी आसानी से 3 करोड़ रुपये लोगों को क्लेम कर देगी। मतलब 1 करोड़ रुपये अभी भी बाख जायेगा जो LIC of India अपने अन्य खर्चे पूरा कर सकती है।

अब दूसरी कम्पनी जिसका नाम XYZ था उसकी बात करते हैं। ध्यान दीजिये उनको भी 3 करोड़ का क्लेम देना होगा क्योंकि 1 हजार में 3 लोगों की मृत्यु हुई है। कम्पनी ने प्रीमियम से टोटल 2 करोड़ रुपये ही इकठ्ठा किया था।

कम्पनी को 3 करोड़ का क्लेम देना है और कम्पनी के पास सामान्य तौर पर 1 करोड़ रुपये कम होगा तो कम्पनी सारे क्लेम कैसे देगी और अगर कम्पनी सारे क्लेम दे देगी तो कम्पनी को नुकसान होगा। कंपनी अपने करमचारियों को सैलरी कैसे देगी और कम्पनी अपने दुसरे खर्चे कैसे पूरा करेगी ऐसे बहुत सारे सवाल आपके मन में भी आयेगें।

इसलिए कम्पनी को किसी ना किसी का क्लेम रोकना पड़ेगा। तो ये थी वजह कि क्यों LIC का टर्म इंश्योरेंश का प्रीमियम बाकी कंपनियों के मुकाबले महँगा होता है।

Reality of Term Insurance Plans


आपने तो देखा ही है कि, जब से भारत सरकार ने प्राइवेट कंपनियों को बीमा बाजार की इजाजत दी है। बहुत सारी कम्पनियां उभर कर सामने आयी हैं। इस वजह से बीमा क्षेत्र में कम्पटीशन बहुत बढ़ा गया है। हर कंपनी अपने ग्राहक को लुभाने के लिए नये – नये आफर उनके सामने रखती है।कभी – कभी तो वे इतना आफर देती है कि उनका दिवाला निकल जाता है। अगर आप IRDA का डाटा देखें तो ये बात साबित हो जाती है।

अब आपके सामने कई प्रकार के इंश्योरेंश प्लान मौजूद है जैसे यूलिप प्लान, एंडोमेंट प्लान, मनी बैक प्लान आदि। लेकिन जब से बीमें की शुरुआत हुई थी तब केवल टर्म इंश्योरेंश प्लान ही बिकता था और बीमें का शुद्ध रूप भी यही है।

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1956 के पहले सैकड़ों कम्पनियां यह काम करती थी फिर 1956 में लगभग 250 बीमा कम्पनियों को मिलाकर LIC का निर्माण किया गया। तब से भारत में LIC ही टर्म प्लान बेचती थी। 1990 के दशक में भारत सरकार ने प्राइवेट क्षेत्रों को इसके लिए खोल दिया और तब से आज तक सैकड़ों ऐसी कम्पनियां बन चुकी है जो टर्म प्लान बेचती हैं।

टर्म प्लान का वास्तविक मतलब तो आप समझते ही होगें। फिर भी मैं आपको इतना बताना चाहता हूँ कि, टर्म प्लान का ये मतलब होता है कि  निश्चित पालिसी अवधी के अंदर अगर पालिसी धारक की मृत्यु हो जाती है तो उसके परिवार को बीमा राशी धन प्राप्त होता है जो बहुत ज्यादा होता है।

जिससे उसका परिवार आर्थिक संकट से बच जाता है। अगर पालिसी धारक की मृत्यु टर्म के बीच में नहीं होती है तो पालिसी धारक को कंपनी की तरफ से एक रुपया भी नहीं मिलता है।इस बात से आप टर्म प्लान के लाने का मकसद तो समझ ही गये होगें। दूसरे शब्दों में कहें तो यह एक कंपनी का वादा होता है कि, पालिसी धारक के न रहने पर उनके परिवार को आर्थिक सुरक्षा प्रदान की जाएगी।

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अगर वही वादा पूरा न हो तो आप समझ सकते है कि आपका परिवार कितनी बड़ी मुसीबत में आ सकता है। मेरा यहाँ पर उद्देश्य न तो किसी कंपनी का प्रचार करना है और न ही आपको डराना है। मैं तो केवल आपको जागरूक करना चाहता हूँ और एक बात बताना चाहता हूँ कि अपने तत्कालिक लाभ के पहले आगे का नुकसान सोच लेना चाहिए।

I hope “Why LIC’s Term Insurance is Costly?” के बारे में ये जानकारी अच्छी लगी होगी, अगर हाँ तो इसे अपने सभी Friends के साथ Social media पर Share जरुर करें ताकी आपकी मदद से दुसरे लोग भी इस योजना की जानकारी को पढ़ सकें, और वो इसका लाभ ले सके। धन्यवाद!

4 thoughts on “Why LIC’s Term Insurance is Costly?

  1. महेंद्र कुमार

    ट्रम प्लान 164 के तहत पॉलिसी की 15 साल की अवधि संपूर्ण भर दी गई इसके बाद व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो जमा पैसे तो मिलना चाहिए

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  2. महेंद्र कुमार

    टेंपल रन 164 के तहत 15 साल की पॉलिसी संपूर्ण होने पर व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो उसे जमा हुए पैसे तो मिलना चाहिए

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  3. महेंद्र कुमार

    प्लान 164 15 साल की अवधि संपूर्ण होने पर धारक की मृत्यु हो जाती है और पुलिसी से पूर्ण रूप से भरी जाती है इसमें धारकों भरे पैसे तो वापस मिलना चाहिए

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